मेरे प्यारे देशवासियों, पिछले वर्ष आज के दिन जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से मुझे प्रधानमंत्री का दायित्व मिला। मैं स्वयं को “प्रधान सेवक” मानकर अपनी जिम्मेदारी इसी भावना से निभा रहा हूं। अन्त्योदय हमारे राजनैतिक दर्शन का मूल मंत्र है। प्रमुख फैसले लेते समय हमेशा वंचित, गरीब, मजदूर और किसान हमारी आंखों के सामने रहते हैं। जन-धन योजना में हर परिवार का बैंकखाता और प्रधानमंत्री जीवन-ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं अटल पेन्शन योजना इसी का प्रमाण हैं। “अन्नदाता सुखी भवः” हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारे किसान अथक मेहनत कर देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, सॉइल हेल्थकार्ड, बिजली की बेहतर उपलब्धता, नई “यूरिया नीति”, कृषि विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों के साथ हम मजबूती से खड़े रहे। सहायता राशि को डेढ़ गुना किया। भ्रष्टाचार-मुक्त, पारदर्शी, नीति-आधारित प्रशासन एवं शीघ्र निर्णय हमारे मूलभूत सिद्धांत हैं। पहले प्राकृतिक सम्पदा जैसे कोयला या स्पैक्ट्रम का आबंटन मनमानी से, चहेते उद्योगपतियों को होता था। किन्तु देश के संसाधन देश की सम्पत्ति हैं। सरकार का मुखिया होने के नाते मैं उसका ट्रस्टी हूं। इसीलिए हमने निर्णय लिया कि इनका आबंटन नीलामी से होगा। कोयले के अब तक हुए आबंटन से लगभग तीन लाख करोड़ रुपए और स्पैक्ट्रम से लगभग एक लाख करोड़ रुपये की आमदनी होगी! सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के लिए भरोसेमंद सरकार आवश्यक होती है। जब हमारी सरकार बनी उस समय आर्थिक स्थिति डावांडोल थी। महंगाई तेजी से बढ़ रही थी। मुझे खुशी है कि हमारे प्रयासों से विगत वर्ष में भारत विश्व की तीव्रतम विकास वाली अर्थव्यवस्था बनी, महंगाई नियंत्रित हुई और पूरे वातावरण में नए उत्साह का संचार हुआ। विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। पूंजी निवेश बढ़ा है। ‘’मेक इन इंडिया’’ और ‘’स्किल इंडिया’’ अभियान का उद्देश्य हमारे युवाओं को रोजगार प्रदान कराना है। हमने मुद्रा बैंक की स्थापना की जिससे छोटे-छोटे रोजगार चलाने वाले भाई-बहनों को दस हजार रुपए से दस लाख रुपए तक के बैंक-ऋण सुलभ होंगे। हमने कालाधन वापस लाने का वादा किया था। सरकार बनते ही पहला निर्णय कालेधन पर एसआईटी गठन करने का था। फिर हमने विदेशों में कालाधन रखने वालों को कड़ी सजा देने के लिए कानून बनाया। “स्वच्छ भारत अभियान” की सोच है कि बहू-बेटी को खुले में शौच न जाना पड़े, शौचालय के अभाव में बेटियां स्कूल न छोड़े और गंदगी से मासूम बच्चे बार-बार बीमार न पड़ें। बालकों की तुलना में बालिकाओं की गिरती संख्या बहुत चिंता का विषय है, इसलिए हमने ”बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान चलाया। सदियों से हमारी आस्था का केन्द्र जीवनदायिनी मां गंगा प्रदूषण-मुक्त हो इसलिए हमने “नमामि गंगे” कार्यक्रम शुरू किया। हमारा इरादा है कि गांव की तस्वीर बदले और मूलभूत सुविधाएं जैसे प्रत्येक परिवार के लिए पक्का घर, चौबीस घंटे बिजली, पीने का शुद्ध पानी, शौचालय, सड़क और इंटरनेट की व्यवस्था हो जिससे लोगों का जीवनस्तर बेहतर हो। इन सबकी सफलता के लिए आपकी भागीदारी आवश्यक है। हमने जोड़ने का काम किया है – देश की सीमाओं, बंदरगाहों और पूरे भारत को एक कोने से दूसरे कोने तक जोड़ने के लिए सड़कें और रेलवे को नया जीवन देने का प्रयास। लोगों को जोड़ने के लिए “डिजिटल इंडिया” कनेक्टिविटी। सभी मुख्यमंत्रियों के साथ “टीम इंडिया” की अवधारणा भी दूरियां मिटाने की कोशिश है। प्रथम वर्ष में विकास यात्रा की मजबूत नींव से देश ने खोया विश्वास पाया है। मुझे भरोसा है कि हमारे प्रयासों ने आपकी जिंदगी को छुआ होगा। यह मात्र शुरूआत है। देश आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइये… हम सब संकल्प लें कि हमारा हर कदम देश हित में आगे बढ़े। आपकी सेवा में समर्पित, जयहिन्द!
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Human Rights
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You are doing good work. i appreciate your work.
Well doing for child welfare